लगभग 16 एकड़ में फैला शहर के बीचो बीच स्थित बड़ा तालाब की स्थिति दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है , स्थिति यह है की नगरपालिका की गन्दगी यहाँ फेंकी जाती है , स्थानीय लोग भी इसे भरने से वाज नहीं आ रहे हैं।
कई वर्ष पहले राजनितिक दल व जिला प्रशासन ने आपस में सांठगांठ कर इसके किनारे किनारे दूकान बना डाला अब स्थिति यह है की तालाब के किनारे बसे दुकानदार अपनी दुकानो से निकलने वाली गन्दगी भी इसी तालाब में डालते जा रहे हैं। यही वजह है की 16 एकड़ में फैली यह तालाब आधे में सिमट गयी है और धीरे धीरे इसका आकार दिन प्रतिदिन घटते जा रही है।
तालाब के बीचो बीच बने सड़क शहर के मुख्या बाजार , कचहरी , बस स्टैंड इत्यादि मुख्य स्थानो को जोड़ता है परन्तु तालाब में फैली गन्दगी से निकलने वाली बदबू की वजह से लोग नाक पर रुमाल रख इस पथ से गुजरते हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं की इस पथ से गुजरना नामुमकिन है , लोगो की बात माने तो खाना खाकर अगर कोई व्यक्ति इस पथ से गुजरता है तो वो वोमिटिंग कर देगा।
कई वर्ष पहले राजनितिक दल व जिला प्रशासन ने आपस में सांठगांठ कर इसके किनारे किनारे दूकान बना डाला अब स्थिति यह है की तालाब के किनारे बसे दुकानदार अपनी दुकानो से निकलने वाली गन्दगी भी इसी तालाब में डालते जा रहे हैं। यही वजह है की 16 एकड़ में फैली यह तालाब आधे में सिमट गयी है और धीरे धीरे इसका आकार दिन प्रतिदिन घटते जा रही है।
तालाब के बीचो बीच बने सड़क शहर के मुख्या बाजार , कचहरी , बस स्टैंड इत्यादि मुख्य स्थानो को जोड़ता है परन्तु तालाब में फैली गन्दगी से निकलने वाली बदबू की वजह से लोग नाक पर रुमाल रख इस पथ से गुजरते हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं की इस पथ से गुजरना नामुमकिन है , लोगो की बात माने तो खाना खाकर अगर कोई व्यक्ति इस पथ से गुजरता है तो वो वोमिटिंग कर देगा।
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